पप्पू यादव ने सरकार के समक्ष रखी सात मांगे

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पटना, 20 अप्रैल : जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने किसानों का ऋण माफ करने और मनरेगा मजदूरों को तीन महीने का वेतन देने समेत सात मांग राज्य सरकार के सामने रखी। जाप अध्यक्ष अपने फेसबुक लाइव कार्यक्रम “जन की बात” के दौरान आम जनता से रूबरू हो रहे थे।
अन्य मांगों में – एक करोड़ से कम ऋण लेने वाले लोगों की छः माह तक इएमआई जमा करने में छूट, किराए पर रहने वाले लोगों का तीन महीने का किराया सरकार व्यय करें, किसानों को प्रति एकड़ दस हजार रूपये सरकार दें, छः माह का बिजली बिल माफ किया जाए तथा गर्भवती महिलाओं को पोषण के लिए पांच हजार रुपए सरकार मुहैया कराए।

उन्होंने जहानाबाद में बच्चों को मेढ़क खाने की खबर का जिक्र करते हुए कहा कि “गरीबों के पास खाना नहीं हैं। बच्चे मेढ़क खाने को मजबूर हैं और नेतागण पार्टी कर रहे हैं। लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन हो रहा है लेकिन सरकार कुछ नहीं कर रही है। बस कमजोर वर्ग परेशानियां झेल रहा हैं।”

उन्होंने कोटा में फंसे बच्चों का एक बार फिर जिक्र करते हुए कहा कि “भाजपा विधायक अनिल सिंह अपने बेटे को ला सकते है तो अन्य बच्चे क्यों नहीं आ सकते। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कोटा में फंसे बच्चों को वापस ला रहे हैं। लेकिन नीतीश कुमार को उन बच्चों की कोई चिंता नहीं है।”

आगे पप्पू यादव ने कहा कि “बिहारशरीफ में एक स्वास्थ्य पदाधिकारी कोरोना पॉजिटिव हो गए है क्योंकि उनके पास पीपीई किट नहीं था। सरकार डॉक्टरों को सुरक्षा किट भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है। केरल, गोवा और तेलंगाना कोरोना केस को रोकने में कामयाब रहे हैं। लेकिन बिहार में स्थिति बहुत गंभीर है।”

अंत में उन्होंने कहा कि “लॉकडाउन में सभी चीजें थम गई है लेकिन अपराध नहीं थम रहा। बेगूसराय में पुलिस कस्टडी में विक्रम पोद्दार ने आत्महत्या कर ली। पुलिस कस्टडी में मौत का विरोध करने वालों को लॉकडाउन के उल्लंघन के लिए जेल में डाल दिया गया। ये सारी घटनाएं सरकार की विफलता का परिणाम है।”

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