पटना, 31 अगस्त : सेंटर फॉर एनवायरनमेंट एंड एनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने आज एक वेबिनार के जरिए बिहार में एक सिटिज़न कैंपेन “हक़दारी हवा की” का शुभारम्भ किया, जिसका उद्देश्य स्वच्छ वायु के लिए सभी लोगों की आवाज़ बुलंद करना और राज्यभर में ऐसे सिटीजन एक्शन ग्रुप्स तैयार करना है, जो जन-जागरूकता के साथ-साथ नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम (राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम) के तहत बनाये गए क्लीन एयर एक्शन प्लान (स्वच्छ वायु कार्य योजना) को प्रभावी ढंग से लागू कराने में योगदान दे सके. यह अभियान मूल रूप से ‘स्वच्छ एवं स्वस्थ हवा के अधिकार’ की मांग रखता है, जो सीड की एक और पहल ‘क्लीन एयर इम्प्लीमेंटेशन नेटवर्क’ (कैन) के तत्वावधान में सरकारी एजेंसियों, राजनीतिक दलों, डॉक्टर्स ग्रुप्स, थिंक-टैंक, प्राइवेट सेक्टर, शिक्षाविदों, सिविल सोसाइटी संस्थाओं और समाज के सभी तबकों को साथ जोड़ते हुए साझा तौर पर काम करेगा.
अभियान की शुरुआत के अवसर पर श्री रमापति कुमार, सीईओ, सीड ने कहा कि-“यह एक सच्चाई है कि नीति-निर्माण और कार्यक्रमों में नागरिकों ने अहम् भूमिका निभाई है और कई वर्षों से सिविल सोसाइटी समूहों के अनथक प्रयासों के परिणामस्वरूप बिहार के तीन प्रमुख शहरों- पटना, गया और मुजफ्फरपुर का क्लीन एयर एक्शन प्लान बन पाया. हालांकि क्लीन एयर एक्शन प्लान का प्रभावी क्रियान्वयन अब भी एक बड़ी चुनौती है. इसलिए सीड ‘हक़दारी हवा की’ अभियान के जरिए सिटिज़न आधारित पहल की दिशा में काम करते हुए एक समुचित मंच और परिवेश तैयार कर रहा है, ताकि इनका प्रभावी क्रियान्वयन ठोस धरातल पर उतरे.” श्री कुमार ने आगे बताया कि ‘यह अभियान क्लीन एयर प्लान से संबंधित गवर्नेंस को मजबूत करने, पारदर्शिता लाने और सर्वोपरि एजेंसियों को जवाबदेह बनाने पर खास फोकस करेगा, ताकि सही अर्थों में बिहार में स्वस्थ और सांस लेने लायक आबोहवा सुनिश्चित हो सके.’
“हक़दारी हवा की” अभियान देश के गंगा के मैदानी इलाके में बसे प्रमुख राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और झारखण्ड में सक्रिय है और यह दूसरे एवं तीसरे श्रेणी के वैसे शहरों, जो ‘नॉन अटेन्मेंट सिटीज’ की लिस्ट से बाहर हैं, में भी नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम को लागू करने पर बल देता है, ताकि सबको स्वच्छ वायु सुनिश्चित हो. वैज्ञानिक तथ्यों