पटना, 1 जून: “बिहार युवाओं का राज्य है और युवा हमारी ताकत हैं। कोविड-19 महामारी की दोनों लहरों के दौरान, राज्य के युवाओं ने कोविड रोगियों को राहत प्रदान करने में सक्रिय भूमिका निभाई है। ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था करना हो, जरूरतमंद लोगों के लिए अस्पतालों में बेड की व्यवस्था करवाना या भोजन की व्यवस्था करना, वे हमेशा सबसे आगे रहे हैं। इस महामारी से लड़ने में समुदाय का समर्थन करने के लिए बड़ी संख्या में युवा स्वयंसेवकों को शामिल करने और युवा योद्धा तैयार करने के लिए यूनिसेफ और नेहरू युवा केंद्र संगठन, बिहार की यह संयुक्त पहल अत्यधिक सराहनीय है। सामाजिक रूप से जागरूक इन प्रशिक्षित युवाओं की बदौलत हमें कोरोना महामारी से पार पाने में बहुत मदद मिलेगी. इस कार्य में बिहार सरकार हर संभव सहायता देने के लिए हमेशा तत्पर है।“
डॉ. आलोक रंजन, मंत्री, कला संस्कृति और युवा विभाग, बिहार सरकार ने यह बात “नेशनल यूथ वालंटियर्स एंड यूथ लीडर्स का उन्मुखीकरण: युवाओं के नेतृत्व में कोविड-19 महामारी के खिलाफ़ मुहीम” कार्यक्रम के पहले सत्र में कही।
यूनिसेफ बिहार की प्रमुख नफीसा बिंते शफीक ने कहा कि यूनिसेफ इंडिया कंट्री ऑफिस और युवा मामले और खेल मंत्रालय, भारत सरकार ने जुलाई 2020 में देश भर के युवाओं को सक्षम बनाने, उन्हें आकांक्षी कार्यों से जोड़ने और उन्हें सक्रिय चेंज मेकर के रूप में शामिल करने के लिए एक साथ मिलकर काम हेतु एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य पूरे देश में युवाओं को शामिल करने के साथ-साथ एनवाईकेएस और इसी तरह के अन्य प्लेटफॉर्म का उपयोग करने वाले किशोर-किशोरियों और युवाओं को करियर परामर्श और 21 वीं सदी के अनुरूप कौशल प्रदान करना है। एनवाईकेएस के स्वयंसेवकों को सामुदायिक कार्यों में शामिल करना और चेंज एजेंट के रूप में विकसित करना यूनिसेफ-एमओवाईएएस सहयोग के प्रमुख घटकों में से एक है। कोविड-19 से निपटने के लिए, यूनिसेफ़ और एनवाईकेएस ने देश भर में 50 लाख युवाओं को सीधे शामिल करने की महत्वाकांक्षी योजना विकसित करने के लिए हाथ मिलाया है। इस पहले उन्मुखीकरण कार्यक्रम के माध्यम से, एनवाईकेएस ने दो दिनों के समय में 2000 स्वयंसेवकों तक पहुंचने की योजना बनाई है और अंततः इन प्रशिक्षित स्वयंसेवकों के माध्यम से राज्य भर में 40000 युवाओं तक पहुंचने की योजना है। ये युवा कोविड के खिलाफ़ लड़ाई में मुख्य भूमिका निभाएंगे।
नबीन नायक, क्षेत्रीय निदेशक, पूर्वी क्षेत्र, एनवाईकेएस ने कहा कि कोविड-19 ने कई चुनौतियाँ पेश की हैं। लोगों को टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करने के अलावा महामारी के बारे में मिथकों और भ्रांतियों को दूर करने में हमारे युवा स्वयंसेवकों की महत्वपूर्ण भूमिका है। मैं सरकार से युवाओं के कौशल विकास के लिए आवश्यक व्यवस्था करने की अपील करता हूं ताकि वे रिवर्स माइग्रेशन के कारण उत्पन्न आजीविका के नुकसान से निपट सकें। प्रशिक्षित और कुशल युवा कोविड-19 और बाढ़ जैसी अन्य आपदाओं के खिलाफ लड़ाई में हमारे सबसे प्रभावी हथियार हैं।
हनी सिन्हा, राज्य निदेशक, एनवाईकेएस बिहार ने कहा कि यह हमारे युवा स्वयंसेवकों के लिए नई चीजें सीखने और अपने कौशल को और बेहतर करने का एक शानदार अवसर है। सीखे गए सबक उन्हें क्षेत्र में कोविड संबंधित कार्यों को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे।
#YoungWarrior अभियान पर एक सत्र लेते हुए पामीर सिंह, डीवाईओ पटना ने इस अभियान के लिए निर्धारित 3 महीने के लक्ष्यों के बारे में विस्तार से बताया। जहां प्रत्येक युवा योद्धा अभियान में 5 लोगों को शामिल करेंगे, वहीं 50 लाख युवाओं को प्रतिदिन कोविड से जुड़ी समुचित जानकारी मिलेगी जो उन्हें सुरक्षित बनाएगी। प्रतिभागियों को विभिन्न टूल्स और संसाधनों के बारे में भी प्रशिक्षित किया गया जो सामुदायिक स्तर पर लोगों को संगठित करने में मदद करेंगे। सटीक संचार अभियान, साक्ष्य-आधारित व्यापक जानकारियों का प्रचार-प्रसार, मिथकों और गलत धारणाओं के बारे में स्पष्टीकरण, मनोवैज्ञानिक व अन्य प्रकार की सुविधाओं के बारे में युवाओं व समुदाय के अन्य लोगों को विधिवत जानकारी के बारे में विशेष रूप से बताया गया।
पिंकी गिरी, डीवाईओ नालंदा ने कोविड उपयुक्त व्यवहार पर आधारित एक सत्र में कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए समुदाय के साथ जुड़ने पर जोर दिया।
बंकू बिहारी सरकार, डीआरआर विशेषज्ञ यूनिसेफ बिहार ने प्रतिभागियों को बाढ़ जैसी आपदाओं के दौरान समुदाय को सतर्क और संगठित करने के लिए आवश्यक कार्यों और कौशल के बारे में जानकारी दी। पहली लहर के दौरान पिछले साल आई बाढ़ ने महामारी के खिलाफ हमारी लड़ाई में कई चुनौतियां पैदा कीं, दूसरी लहर में भी कई मुश्किलें होंगी। इसलिए, पूर्व तैयारी के तहत युवा स्वयंसेवकों की ट्रेनिंग बहुत जरूरी है।
नेहरु युवा केंद्र के मार्गदर्शन में कई युवाओं ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ज़रुरतमंदों को विभिन्न प्रकार से मदद की। जहानाबाद की राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवक अनीशा भारती ने कहा कि काफी कोरोना पीड़ितों को ज़रूरी दवाइयां नहीं मिल पा रही थीं। इसे देखते हुए मैंने स्वास्थ्य विभाग से संपर्क साधा और विभाग के सहयोग से हमने लोगों को दवाएं उपलब्ध करवायीं जिससे लोगों को जल्द स्वस्थ होने में मदद मिली। साथ ही, हमने लॉकडाउन के दौरान ग़रीब लोगों व कोरोना मरीज़ों के अटेंडेंट्स के लिए पका हुआ भोजन और सुखा राशन की भी व्यवस्था की।
नेहरु युवा केंद्र, गया के रजनीकांत जो स्वयं कोरोना संक्रमित हो गए थे, उन्होंने होम आइसोलेशन में रहकर न सिर्फ़ ख़ुद को ठीक किया बल्कि स्वस्थ होने के पश्चात बढ़-चढ़ कर कोरोना पीड़ितों की सेवा में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की कमी मौत का मुख्य कारण थी। इसे दूर करने के लिए हमने बंद पड़े प्राइवेट क्लीनिकों से ऑक्सीजन सिलिंडर इकठ्ठा किया और उनकी मुफ़्त में रीफीलिंग करवाकर ज़रुरतमंदों को मुहैया करवाया। हमने सरकारी अनुमति लेकर सभी कोविड केन्द्रों का डाटा जुटाया और गंभीर रूप से बीमार मरीजों को शहर के अस्पतालों में भर्ती करवाया। हमने आर्थिक रूप से कमज़ोर मरीज़ों के लिए दवाएं उपलब्ध करवायीं और ज़रुरतमंदों के लिए एम्बुलेंस की भी व्यवस्था की। हमलोग वैक्सीनेशन के लिए भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
कार्यक्रम को यूनिसेफ बिहार के कार्यक्रम प्रबंधक शिवेंद्र पंड्या और निपुण गुप्ता, संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ बिहार ने भी संबोधित किया। इन दोनों ने युवा वालंटियर्स से विश्वस्त सरकारी स्रोतों से तथ्यों की पूरी छानबीन करने के बाद ही उसे समुदाय तक पहुँचाने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में डीवाईओ, डीवाईसी, राष्ट्रीय युवा स्वयंसेवकों और बिहार के विभिन्न जिलों के युवा नेताओं के साथ-साथ यूनिसेफ के पदाधिकारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया। अशोक कु. सिंह, एपीए, राज्य कार्यालय, एनवाईकेएस बिहार ने माननीय मंत्री जी को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के अंत में डीवाईओ कैमूर सुशील करोलिया ने धन्यवाद ज्ञापन किया।